The Hindutva Pitch: पटना | बिहार की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक मुद्दों की आंच तेज होती दिख रही है। एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है, वहीं दूसरी ओर सीतामढ़ी के पुनौराधाम में जानकी मंदिर के निर्माण को लेकर राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त हलचल है। जानकार इसे आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और एनडीए की रणनीतिक चाल मान रहे हैं।
🛕 राम मंदिर: जुलाई के अंत तक पूर्ण होने की संभावना
- अयोध्या में बन रहा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अब अंतिम चरण में है।
- ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने हाल ही में बताया कि निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है:
- 14 लाख घन फुट में से 13 लाख घन फुट बंसी पहाड़पुर पत्थर लग चुके हैं।
- 800 फुट लंबे चबूतरे में रामकथा दर्शाने वाले भित्ति चित्रों का कार्य प्रगति पर है।
- टाइटेनियम धातु का उपयोग खिड़कियों में – भारत में पहली बार।
👉 संभावना जताई जा रही है कि दशहरे से पहले एक भव्य आयोजन होगा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी सहित कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं।
🪔 जानकी मंदिर: सीतामढ़ी में भव्य निर्माण को मंजूरी
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में पुनौराधाम को भव्य धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना की घोषणा की।
- कुल लागत: ₹882.87 करोड़
- अगस्त तक शिलान्यास कराने के निर्देश
- मंदिर निर्माण अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर होगा।
🗣️ नीतीश ने इसे “बिहारवासियों के लिए गर्व का विषय” बताया है।
🗳️ राजनीति की पिच पर हिंदुत्व कार्ड
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
- बीजेपी लगातार राम मंदिर और हिंदू पहचान की राजनीति से जुड़ी रही है।
- जानकी मंदिर की आधारशिला और राम मंदिर का उद्घाटन एक साथ आने से धार्मिक भावनाओं का ध्रुवीकरण संभव है।
- भाजपा इसे हिंदू मतदाताओं को साधने का अवसर मान रही है।
🟠 एनडीए की रणनीति:
- अयोध्या और सीतामढ़ी दोनों को धार्मिक टूरिज्म और चुनावी मंच के रूप में उपयोग करना।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संभावित दौरा और शिलान्यास कार्यक्रम आयोजन।
⚖️ विपक्ष को चिंता: ध्रुवीकरण से नुकसान
- राजद और कांग्रेस इन आयोजनों को राजनीतिक हथकंडा मान रही हैं।
- कांग्रेस और राजद नेताओं का मानना है कि: “बीजेपी जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मंदिर का सहारा ले रही है।”
- विपक्ष को डर है कि इसका असर आगामी चुनावों में सीधा वोट ट्रांसफर के रूप में देखने को मिल सकता है।
🔍 क्या कहता है चुनावी गणित?
- बिहार में 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।
- भाजपा की कोशिश होगी कि:
- राम और जानकी के धार्मिक-राजनीतिक संदेशों को एक साथ जोड़कर,
- हिंदू मतदाताओं की गोलबंदी की जाए,
- और जातीय समीकरणों को धार्मिक एकता से ओवरराइड किया जाए।
- साभार …
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