सरकार ने नीति का ड्राफ्ट किया तैयार
Transfers:भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही शासकीय सेवकों को बड़ी राहत देने जा रही है। लंबे समय से तबादले और पदोन्नति की प्रक्रिया पर लगी अघोषित रोक अब हटने के आसार हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार ने दोनों मामलों में नीतियों का अंतिम मसौदा तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि अगले एक से डेढ़ माह में तबादला और पदोन्नति दोनों प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद मिलेगा लाभ
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इन नीतियों को जल्द ही कैबिनेट की बैठक में एक्स एजेंडे के तहत प्रस्तुत करने जा रही है। मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के करीब 7500 शासकीय कर्मचारी-अधिकारियों को तबादले और पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा। सामान्य प्रशासन विभाग पहले ही तबादला नीति का प्रारूप तैयार कर चुका है।
विधि विभाग की पदोन्नति बनी आधार
गौरतलब है कि हाल ही में विधि विभाग ने 150 से अधिक शासकीय सेवकों को पदोन्नति प्रदान की है। इनमें से कुछ को एक तो कुछ को दो-दो पदोन्नतियाँ दी गईं। यह प्रक्रिया कई मामलों में कोर्ट के फैसलों के आधार पर की गई थी। सरकार अब इन्हीं उदाहरणों को आधार बनाकर व्यापक स्तर पर पदोन्नति देने की तैयारी में है।
एरियर को लेकर असमंजस बरकरार
पदोन्नति प्रक्रिया वर्ष 2016 से रुकी हुई है। तब से अब तक करीब डेढ़ लाख शासकीय सेवक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें से कुछ को वरिष्ठ वेतनमान दिया गया, लेकिन सभी को इसका लाभ नहीं मिला। नए प्रस्ताव में यह तय किया गया है कि पदोन्नति उसी तारीख से प्रभावी मानी जाएगी, जबसे कर्मचारी इसके पात्र थे। हालांकि, उस अवधि का एरियर मिलेगा या नहीं, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
खरीफ सीजन से पहले प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी
सरकार की योजना है कि बारिश और खरीफ सीजन के पूर्व यह पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि उस समय ध्यान पूरी तरह बाढ़, राहत और कृषि जैसे अहम कार्यों पर केंद्रित किया जा सके। वर्षा ऋतु में खाद-बीज की व्यवस्था और आपदा प्रबंधन सरकार के लिए बड़ी चुनौती होते हैं।
यह होगी प्रक्रिया
- तबादला नीति में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड से आवेदन की सुविधा दी जा सकती है।
- जिन विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू है, वहाँ केवल ऑनलाइन प्रक्रिया मान्य होगी।
- साभार…
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