Transfers: भोपाल। मध्य प्रदेश में 1 मई से 30 मई तक तबादलों का मौसम औपचारिक रूप से शुरू हो गया है। इस एक महीने की अवधि में राज्य के अधिकारी और कर्मचारी अपने मनचाहे स्थानों पर तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मोहन सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिलने के 36 घंटे बाद भी सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने नई तबादला नीति सार्वजनिक नहीं की है।
राज्य सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी तबादले का आदेश संबंधित विभाग के ई-ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के बाद ही प्रभावी माना जाएगा। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि तबादला प्रक्रिया केवल निर्धारित समयसीमा के भीतर ही हो। सरकार ने साफ कर दिया है कि 30 मई 2025 की रात 12 बजे के बाद मूव की गई तबादला फाइलें अमान्य मानी जाएंगी।
हालांकि नीति की घोषणा न होने से विभाग प्रमुखों और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्हें यह स्पष्ट नहीं है कि तबादले किस आधार पर किए जाएंगे। कैबिनेट बैठक में केवल पद संख्या के आधार पर तबादलों का प्रतिशत तय किया गया है, लेकिन उसकी भी अभी तक लिखित जानकारी विभागों को नहीं दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग 1 मई को तबादला नीति के विस्तृत निर्देश जारी कर सकता है। तब तक अधिकारी-कर्मचारी आवेदन तो कर सकेंगे, लेकिन प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में 29 अप्रैल को हुई कैबिनेट बैठक में तबादलों को मंजूरी दी गई थी। मंत्रियों ने स्वैच्छिक तबादलों को अलग रखने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन्हें भी निर्धारित प्रक्रिया में शामिल रखने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख बिंदु:
- तबादले की प्रक्रिया 1 मई से 30 मई तक चलेगी
- ई-ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के बाद ही आदेश मान्य होंगे
- समयसीमा पार की फाइलों को मंजूरी नहीं
- 36 घंटे बाद भी तबादला नीति जारी नहीं
- कर्मचारियों में असमंजस, विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं
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