Vedic Clock: भोपाल। मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री निवास अब ऐतिहासिक महत्व का केंद्र बनने जा रहा है। यहां भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी” स्थापित की गई है। इसका लोकार्पण सोमवार, 1 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इसी अवसर पर नवनिर्मित प्रवेश द्वार का भी उद्घाटन किया जाएगा।
उज्जैन से हुई थी शुरुआत
वैदिक घड़ी का विचार और निर्माण लखनऊ की संस्था ‘आरोहण’ के इंजीनियर आरोह श्रीवास्तव ने अपनी टीम के साथ किया है। पहली वैदिक घड़ी उज्जैन में स्थापित की गई थी, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2024 को किया था।
सूर्योदय से शुरू होता है समय
यह विशेष घड़ी परंपरागत ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से अलग, भारतीय काल गणना पर आधारित है। सामान्य घड़ी जहां रात 12 बजे तिथि बदलती है, वहीं वैदिक घड़ी में दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है।
- “शून्य” का अर्थ होगा सूर्योदय का समय।
- “15” का अर्थ होगा सूर्यास्त।
GMT के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में विभाजित किया गया है। घड़ी केवल घंटे-मिनट नहीं बताएगी, बल्कि मुहूर्त, पंचांग, ग्रह-नक्षत्र, योग, त्योहार व ग्रह स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध कराएगी।
एप भी हुआ तैयार
भारतीय काल गणना को आम लोगों के उपयोग में लाने के लिए एक विशेष मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। यह एप 40 भारतीय व वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध होगा। इसमें वैदिक समय, IST, GMT, मौसम संबंधी जानकारी, पंचांग, व्रत-त्योहार, ग्रहों की स्थिति और ग्रहण तक का विवरण मिलेगा।
भारतीय परंपरा का पुनर्जागरण
वैदिक घड़ी का निर्माण महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, संस्कृति विभाग के सहयोग से किया गया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह पहल भारतीय समय प्रणाली के पुनर्जागरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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