बैतूल – Project Officer Suspend – परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रताडि़त होकर आत्महत्या कर लिए जाने के मामले में चिचोली परियोजना अधिकारी को दोषी मानते हुए शासन द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में छिंदवाड़ा परियोजना अधिकारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
चिचोली परियोजना अधिकारी को बनाया था आरोपी(Project Officer Suspend)
प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोज वानखेडे, तत्कालीन परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना, छिन्दवाड़ा ग्रामीण जिला छिन्दवाड़ा द्वारा दिनांक 29 दिसम्बर 2022 को छिन्दवाड़ा में फांसी लगाकर आत्महत्या की गई। उक्त प्रकरण में थाना सिटी कोतवाली, जिला छिन्दवाड़ा में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-154 के तहत निर्मल सिंह ठाकुर, परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना चिचौली, जिला-बैतूल के विरूद्ध एफ.आई.आर. संख्या 0018 / 23 धारा 306, 34 ता.ही. दिनांक 10.01.2023 पंजीबद्ध की गई है। पंजीबद्ध एफ.आई.आर. के अनुसार मर्ग क्र. 107 / 2022 धारा 174 द.प्र.सं. की केस डायरी मय जांच प्रतिवेदन के प्रेषित की जो संपूर्ण जांच पर पाया गया कि मृतक मनोज वानखेडे बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ थे।
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ऑनलाइन हाईपर फंड में निवेश का काम करता था मृतक(Project Officer Suspend)
मृतक ऑनलाईन प्लेटफार्म हाईपर फंड में रूपए का निवेश करता था तथा अन्य लोगों से भी निवेश करवाता था। मृतक ने श्री निर्मल सिंह ठाकुर से भी उक्त हाईपर फंड में रू.34,000/- का निवेश कराया था। जिसके बदले में बढ़ी हुई राशि मिल सकती थी किन्तु हाईपर फंड में नुकसान होने से बढ़ी हुई राशि नहीं मिली तो श्री ठाकुर द्वारा मृतक को निवेश की हुई राशि के साथ-साथ होने वाले लाभ की राशि देने के लिए श्री वानखेडे को प्रताडि़त किया जाने लगा एवं राशि नहीं देने पर सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर भी लगातार शिकायत की गई।
प्रताडऩा से तंग आकर की थी आत्महत्या(Project Officer Suspend)
मृतक द्वारा श्री ठाकुर की प्रताडऩा से तंग आकर श्री ठाकुर को रू.58,000/- ऑनलाईन एवं रूपए 02 लाख नगद भी दिए गए किन्तु इतने पर भी श्री ठाकुर नहीं माने और लगातार मृतक को अत्याधिक लाभ की राशि देने हेतु बार-बार प्रताड़ित किया जाने लगा, मृतक श्री वानखेडे रूपए देने की स्थिति में नहीं थे और श्री ठाकुर द्वारा अवैध राशि प्राप्त करने के लिए बार-बार सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर शिकायत कर एवं फोन पर प्रताड़ित किया गया और अवैध राशि नहीं देने की स्थिति में मृतक की नौकरी खतरे में पडऩे की बात कही। श्री ठाकुर द्वारा दी गई प्रताडऩा से परेशान होकर नौकरी जाने के डर से एवं अन्य विकल्प नहीं होने से दिनांक 29.12.2022 को श्री वानखेडे द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई, जो सम्पूर्ण जांच पर श्री निर्मल सिंह ठाकुर के विरूद्ध प्रथम दृष्टया धारा 306, 34 भादवि का अपराध पाया गया। श्री ठाकुर के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, नकल मर्ग इटिमेशन जेल है, कायमी मर्ग क्र. 107 / 2022 धारा 174 जा.फौ. कायमी दिनांक 29.12. 2022 है।
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जेल गए चिचोली परियोजना अधिकारी(Project Officer Suspend)
कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, जिला छिन्दवाड़ा के पत्र क्र. 122 / मबावि / स्थापना / 2023 दिनांक 11.01.2023 के संलग्न थाना प्रभारी, थाना कोतवाली, जिला छिन्दवाड़ा के पत्र क्र. 23 दिनांक 11.01.2023 के अनुसार निर्मल सिंह ठाकुर, परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना चिचोली, जिला बैतूल के विरूद्ध अपराध करना पाए जाने से दिनांक 10.01.2023 को 12:45 बजे विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त का जेल वारंट बनाने से अभियुक्त को जिला जेल छिन्दवाड़ा में दिनांक 10.01.2023 को दाखिल किया गया।
शासन ने किया निलंबित(Project Officer Suspend)
श्री निर्मल सिंह ठाकुर, परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना चिचौली, जिला- बैतूल राजपत्रित द्वितीय श्रेणी के अधिकारी होने के बावजूद भी रूपयो का अनाधिकृत लेन-देन किया गया, जो पदीय कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों के विपरीत है। इन कृत्यों से शासन की छवि धूमिल हुई है। उक्त कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3, 16 एवं 17 के विपरीत होने से गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है, जो म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 में निहित प्रावधानों के तहत दण्डनीय है। अत: श्री निर्मल सिंह ठाकुर, परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना चिचौली, जिला बैतूल को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, जिला-रीवा नियत किया जाता है व इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
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