बैतूलवासियों के साथ एनएचएआई का अन्याय, छिंदवाड़ा पर विशेष कृपा
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Toll Plaza: बैतूल। अब तो आम आदमी भी कहने लगा है कि एनएचएआई की बैतूल जिले से क्या दुश्मनी है जो बैतूल से निकलने वाले हर मार्ग पर सडक़ें पूरी बनने के पहले ही टोल बना दिए गए हैं। बचा खुचा बैतूल भोपाल मार्ग भी इससे अछूता नहीं रहा। और जिले के राजनेताओं में इच्छाशक्ति की ऐसी कौन सी कमी है जो एनएचएआई को ऐसी मनमानी करने से रोक नहीं पा रही है। इसके विपरीत समीपस्थ जिले छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की बात करें तो वहां के सांसद रहे कमलनाथ ने सरकार चाहे किसी की भी रही अपने दम पर जिले की सीमाओं में सडक़ें तो पूरी बनवाई लेकिन टोल दूसरे जिले की सीमाओं में लगवा दिया।
बैतूल विधानसभा की सीमा में दो टोल
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बैतूल-नागपुर के बीच 176 किमी. फोरलेन बनाया गया था। जिसमें तीन टोल शुरू किए गए। इनमें दो टोल बैतूल जिले की सीमा में एवं एक टोल नागपुर जिले में है। इस रोड पर बैतूल से निकलते ही सात किमी. मिलानपुर ग्राम पर टोल बनाया गया है। यह टोल राजनैतिक दृष्टि से बैतूल विधानसभा सीमा के अंदर आता है। शुरू में इस टोल से बैतूल और बैतूलबाजार के पते पर रजिस्टर्ड वाहनों को टोल में कुछ छूट दी गई थी जो बाद में बंद कर दी गई। इसी तरह से पत्रकारों के वाहनों को भी दी गई छूट वापस ले ली गई। बैतूल विधानसभा क्षेत्र में दूसरा टोल बैतूल-हरदा मार्ग पर बैतूल से 20 किमी. की दूरी पर गढ़ा ग्राम पर बनाया गया है। जबकि उस समय यह बैतूल-हरदा रोड पूरी नहीं बनी थी।
मुलताई विधानसभा में 2 टोल
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जिले में मुलताई विधानसभा की सीमा में विभिन्न मार्गों पर 2 टोल नाके बना दिए गए हैं। और इसका अतिरिक्त खामियाजा मुलताई से निकलने वाले हर वाहन को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि मुलताई से दोनों ही टोल मात्र 20 से 25 किमी. के अंदर बने हैं। इनमें पहला टोल मुलताई-नागपुर मार्ग पर खंबारा ग्राम के समीप बना है। जबकि कुछ किमी. बाद पांढुर्णा जिला शुरू हो जाता है, यह टोल आगे पांढुर्णा जिले के मोही पर भी बनाया जा सकता था। इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दूसरा टोल मुलताई-छिंदवाड़ा मार्ग पर मुलताई से 12 किमी. बाद चिखलीकला गांव में बनाया गया है। यह टोल भी इसी मार्ग पर कुछ किमी. आगे छिंदवाड़ा जिले के ग्राम मैनीखापा में बनाया जा सकता था।
घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में भी दो टोल
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आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की इस घोड़ाडोंगरी विधानसभा की सीमा में एक टोल पहले से ही प्रारंभ है। घोड़ाडोंगरी-छिंदवाड़ा मार्ग पर घोड़ाडोंगरी से मात्र 3 किमी. दूर चोरपांडरा में बनाया गया है। यह मार्ग सारनी होते हुए छिंदवाड़ा तक गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मार्ग पर छिंदवाड़ा जिले की सीमा में कोई टोल नहीं है। घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही शाहपुर-भोपाल मार्ग पर शाहपुर के समीप कुंडी ग्राम में नया टोल प्लाजा प्रारंभ किया जा रहा है। इसको लेकर स्थानीय भाजपा विधायक गंगाबाई उइके ने अपना लिखित विरोध दर्ज कराया था। क्योंकि यह सडक़ अपूर्ण है। लेकिन एनएचएआई के अधिकारी इस टोल को चालू करने वाले हैं।
भैंसदेही क्षेत्र में भी एक टोल
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आदिवासी बाहुल्य इस भैंसदेही क्षेत्र में भी गुदगांव-परतवाड़ा मार्ग पर बैतूल जिले की सीमा के अंतिम छोर पर कोथलकुंड ग्राम के समीप टोल प्लाजा बनाया गया है। जबकि कुछ किमी. बाद महाराष्ट्र की सीमा में अमरावती जिले में ग्राम धाबा के बाद टोल बनाया जा सकता था। लेकिन एनएचएआई की बैतूल जिले से ऐसी कौन सी ऐसी दुश्मनी है कि जिले की चतुर्भुज सीमा से निकलने वाले हर मार्ग पर बैतूल जिले के वाहनों को टोल का भुगतान करने के बाद ही अपनी यात्रा की पूरी करनी पड़ती है।
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