स्थल पर ही मिलेगा प्रमाणपत्र
Registration: खंडवा। देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह सीजन की शुरुआत होते ही राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। विवाहों के शत-प्रतिशत पंजीयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (कलेक्टरों) को निर्देश जारी किए गए हैं। यह कदम योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग की ओर से उठाया गया है ताकि भविष्य में दंपत्तियों को कानूनी जटिलताओं का सामना न करना पड़े।
हर विवाह का होगा पंजीयन
मध्यप्रदेश विवाह पंजीयन नियम 2008 के तहत राज्य में भारतीय नागरिकों के बीच किसी भी विधि या परंपरा के अनुसार संपन्न विवाहों का पंजीयन किया जाना अनिवार्य है। विवाह का पंजीयन न होने पर विशेष रूप से महिलाओं को पति की मृत्यु के बाद स्वत्वों और लाभों के भुगतान में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
विवाह स्थल पर मिलेगा प्रमाणपत्र
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री निकाह योजना तथा अन्य सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में स्थल पर ही विवाह प्रमाणपत्र प्रदान किया जाए। साथ ही, स्थानीय निकायों को शादी हॉल, मैरिज गार्डन और सार्वजनिक स्थलों पर विवाह पंजीयन की अनिवार्यता से संबंधित होर्डिंग लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
यह पहल राज्य में विवाह पंजीयन प्रणाली को सुदृढ़ करने और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
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