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Alcoholism: मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू, 1 अप्रैल से बंद होंगी शराब की दुकानें

मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी

Alcoholism: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 17 प्रमुख धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने का ऐलान किया है। 1 अप्रैल से इन नगरों में शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में यह निर्णय लिया था कि राज्य के 19 पवित्र क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। इन क्षेत्रों में उज्जैन, दतिया, अमरकंटक, मंदसौर, पन्ना, और मैहर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, शराब की दुकानें इन धार्मिक नगरों में पूरी तरह से बंद हो जाएंगी और इन्हें कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। इन क्षेत्रों में कुल 47 शराब दुकानें बंद की जाएंगी, जिनमें उज्जैन नगर निगम की 17 दुकानें, 11 होटल और रेस्टोरेंट भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने इस फैसले को धार्मिक मान्यताओं को सम्मान देने और श्रद्धालुओं के लिए वातावरण को शुद्ध बनाने के उद्देश्य से लिया है। शराब की दुकानों के बंद होने से जो राजस्व का नुकसान होगा, उसकी भरपाई अन्य दुकानों से की जाएगी।

19 धार्मिक क्षेत्रों में शराबबंदी लागू

इस फैसले के तहत जिन 19 क्षेत्रों में शराबबंदी लागू होगी, उनमें प्रमुख स्थानों में उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंदसौर नगर पालिका, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, और मैहर नगर पालिका शामिल हैं। इन स्थानों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, और सरकार का यह कदम धार्मिक आस्थाओं को और सम्मान देने के लिए उठाया गया है।

नर्मदा नदी के किनारे भी शराबबंदी

इसके अलावा, नर्मदा नदी के दोनों किनारों के 5-5 किलोमीटर दायरे में भी शराब की दुकानें नहीं रहेंगी। इस निर्णय का उद्देश्य नर्मदा जैसे पवित्र नदी के आस-पास धार्मिक वातावरण बनाए रखना है।

राज्य के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय

सीएम मोहन यादव ने बताया कि पीतांबरा पीठ, महाकाल ज्योतिर्लिंग, और नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के आस-पास शराब की दुकानों पर रोक लगाई गई है। यह फैसला धार्मिक मान्यताओं और लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि शराबबंदी से पवित्र स्थलों की महत्ता और बढ़ेगी, और श्रद्धालुओं के लिए वातावरण भी शुद्ध होगा।

साभार… 

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