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Policy: मध्य प्रदेश सरकार की नई ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति

मध्य प्रदेश सरकार की नई ट्रांसफर

Policy:मध्य प्रदेश सरकार ने मंत्रालय और फील्ड स्तर पर ब्यूरोक्रेट्स की पदस्थापना के लिए एक नए फॉर्मूले पर काम करना शुरू किया है। इसके तहत आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों को एक स्थान पर कम से कम दो साल तक पदस्थ रखने की योजना है।

  1. नई नीति का उद्देश्य:
    • आईएएस, आईपीएस, और आईएफएस अधिकारियों को कम से कम दो साल एक स्थान पर पदस्थ रहने का मौका देना।
    • अधिकारियों को उनकी पूरी क्षमता दिखाने और सुशासन में योगदान देने के लिए पर्याप्त समय देना।
    • प्रशासनिक स्थिरता बनाए रखते हुए जनप्रतिनिधियों और ब्यूरोक्रेसी के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना।
  2. नई जमावट की तैयारी:
    • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संकेत दिया है कि प्रशासनिक फेरबदल कार्यप्रणाली और कार्यक्षमता के आधार पर होगा।
    • वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को छोड़कर जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, और मंत्रालय स्तर के अधिकारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
    • ट्रांसफर सूची:
      • 12-15 कलेक्टरों के नाम शामिल हो सकते हैं।
      • 8-10 पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जा सकता है।
    • फेरबदल की सूची 26 जनवरी के बाद और आदेश फरवरी तक जारी होने की संभावना है।
  3. ट्रांसफर नीति में बदलाव:
    • नए दिशा-निर्देश:
      • अफसरों को बार-बार स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
      • मंत्रालय और फील्ड में कम से कम दो साल एक पोस्टिंग पर रहने का समय दिया जाएगा।
    • कारण:
      • अफसरों को अपनी क्षमता दिखाने और दी गई जिम्मेदारी को प्रभावी तरीके से निभाने का अवसर प्रदान करना।
      • विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में सुगमता लाना।
  4. समस्याएं और समाधान:
    • चुनौतियां:
      • कुछ अफसरों का जनप्रतिनिधियों के साथ तालमेल न बैठ पाना।
      • कार्यप्रणाली में समन्वय की कमी के कारण परियोजनाओं में रुकावट।
    • उपाय:
      • विवाद की स्थिति से बचने और सुचारू प्रशासनिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए समन्वय व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
      • जिन अफसरों की पदस्थापना में तीन साल पूरे हो रहे हैं या पदोन्नति हो चुकी है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बदला जाएगा।
  5. सरकार का फोकस:
    • मुख्यमंत्री कार्यालय का रुख स्पष्ट है कि ट्रांसफर पोस्टिंग का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा।
    • मौजूदा अफसरों से उनके स्थान पर बेहतर काम लिया जाएगा।
    • सुशासन और विकास को प्राथमिकता देते हुए अफसरों की जिम्मेदारियों का निर्धारण किया जाएगा।
  6. संभावित प्रभाव:
    • बेहतर प्रशासनिक स्थिरता।
    • अफसरों को दी गई जिम्मेदारियों में निपुणता दिखाने का समय।
    • सरकार की योजनाओं और परियोजनाओं को जमीन पर बेहतर क्रियान्वयन।

यह नीति न केवल प्रशासनिक सुधारों को बढ़ावा देगी बल्कि विकास कार्यों और जनसेवा में निरंतरता सुनिश्चित करेगी।

source internet…  साभार…. 

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