नई तबादला नीति को कैबिनेट से मिलेगी मंजूरी
Approval: भोपाल | मध्य प्रदेश में पदस्थापना की प्रतीक्षा कर रहे हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार एक मई से ट्रांसफर पर लगे प्रतिबंध को हटाने की तैयारी में है। इसके साथ ही नई तबादला नीति 2025 को भी लागू किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इसे जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। तीन साल से प्रदेश में स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पिछली ट्रांसफर पॉलिसी वर्ष 2021-22 में लागू की गई थी। तब से ही कर्मचारियों और उनके संगठनों द्वारा व्यापक तबादला प्रक्रिया की मांग की जा रही थी। अब सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाने का संकेत दिया है।
मई-जून में होंगे तबादले
नई नीति के अनुसार, मई और जून का महीना ट्रांसफर प्रक्रिया के लिए निर्धारित किया जाएगा। इससे पहले जनवरी में उच्च प्राथमिकता वाले कर्मचारियों को सीमित स्थानांतरण की अनुमति दी गई थी, लेकिन इस दायरे में बेहद कम कर्मचारी ही आ सके।
नए नियम क्या होंगे?
- जिन कर्मचारियों की एक स्थान पर तैनाती तीन वर्ष से अधिक हो चुकी है, उनका ट्रांसफर सुनिश्चित किया जाएगा।
- जिले के भीतर होने वाले ट्रांसफर संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री की मंजूरी से होंगे।
- एक जिले से दूसरे जिले में तबादला विभागीय मंत्री की अनुशंसा पर किया जाएगा।
- किसी भी विभाग में एक बार में अधिकतम 10% कर्मचारियों के तबादले ही किए जा सकेंगे।
- मंत्रियों को उनके अधीन विभागों में ट्रांसफर की प्रक्रिया में अधिकार दिए जा सकते हैं।
कर्मचारी संगठनों में उत्साह
लंबे समय से अटकी इस प्रक्रिया को लेकर कर्मचारी संगठनों में उत्साह है। संगठन नेताओं का कहना है कि इससे उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत हैं और पारिवारिक या स्वास्थ्य कारणों से तबादले की मांग कर रहे थे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कैबिनेट की बैठक में इस नीति को किस रूप में मंजूरी मिलती है और इसका क्रियान्वयन कितनी पारदर्शिता और गति से किया जाता है।
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