शीतकालीन सत्र में आ सकता है विधेयक
Decision: भोपाल। मध्य प्रदेश में विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर जल्द ही निर्णय होने वाला है। इसके लिए राज्य शासन ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जो एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र (1 दिसंबर से) में विधेयक लाकर उसे मंजूरी दिलाने की तैयारी कर रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने 27 अक्टूबर को आदेश जारी कर इस समिति का गठन किया है। समिति में डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, पाटन विधायक अजय विश्नोई और कसरावद विधायक सचिन यादव को सदस्य बनाया गया है, जबकि संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
समिति की पहली बैठक 28 अक्टूबर को डिप्टी सीएम देवड़ा की मौजूदगी में हुई। इस बैठक में संसदीय कार्य विभाग से देश के सभी राज्यों में विधायकों और पूर्व विधायकों को मिलने वाले वेतन, भत्ते और सुविधाओं की जानकारी मांगी गई है। जानकारी तत्काल उपलब्ध न होने के कारण समिति ने अगली बैठक 11 नवंबर को तय की है। उस समय सभी राज्यों से जुड़ी तुलनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार समिति 30 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपने की तैयारी में है। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक प्रस्तुत करेगी।
उल्लेखनीय है कि पावस सत्र के दौरान विपक्ष के नेता उमंग सिंघार समेत कई विधायकों ने वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं में वृद्धि की मांग की थी, जिसका समर्थन सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी किया था। मुख्यमंत्री ने सदन में इस मांग पर सहमति जताते हुए बढ़ोतरी का आश्वासन दिया था। इसी आश्वासन को अमलीजामा पहनाने के लिए अब समिति की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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