पूर्व अध्यक्ष हुए बरी
Decision: बैतूल। आरक्षी गृह बैतूल ने बैंक अध्यक्ष श्री पवार, मधुकर महस्की एवं अन्य पांच कर्मचारियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 120 बी के तहत अपराध क्र. 912/2002 में प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश किया था। आरोप यह था कि सभी आरोपियों ने बूंद- बूंद सागर योजना के ऐजेंट श्रीचंद रंगलानी के साथ मिलकर खातेदारों की राशि 2,37,000/-रूपये बैंक में न जमा कर स्वयं के उपयोग में लिये जाने को सहन किया था।
बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नाना भामकर ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी अभियोजन ने अरविंद यादव, नरेन्द्र नेपाली एवं विवेचक सहायक उपनिरीक्षक यशवंत कुम्भारे के कथन करवाये थे। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी बैतूल के न्यायालय में चले दांडिक प्रकरण क्र. 3233/2008 में ये पाया गया कि अभियोजन उक्त आरोप को सिद्ध करने में असफल रहा कि आरोपियो ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुये बैंक को नुकसान पहुंचाया तथा श्रीचंद रंगलानी (फरार) को सहयोग किया। माननीय न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया आरोपी श्री पवार तत्कालीन बैंक अध्यक्ष की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत गर्ग, अधिवक्ता सजल गर्ग, राघवेन्द्र रघुवंशी (विक्की), सूरतराम धुर्वे ने की।
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