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Economic exploitation: कम वेतन देकर आर्थिक शोषण करने का आरोप

कम वेतन देकर आर्थिक शोषण करने

टेक्रो कंपनी के खिलाफ सिलाई आपरेटरों ने सौंपा ज्ञापन

Economic exploitation: बैतूल। टेक्रो कंपनी के सिलाई आपरेटरों ने आर्थिक शोषण किए जाने की मांग को लेकर कलेक्टर को एक आवेदन सौंपा है। ज्ञापन में महिला आपरेटरों ने उल्लेख किया है कि टेक्नो कंपनी डहरगांव में सिलाई मशीन आपरेटर के पद पर वह विगत 03 वर्षों से कार्यरत् हैं। हमे कंपनी द्वारा सुबह 8.45 बजे से शाम 6.30 बजे तक लगभग 9-10 घंटे निरंतर कार्य लिया जाता हैं, तथा भोजन के लिए भी 15 मिनट का ही समय दिया जाता हैं।


वेयर हाऊस में संचालित हो रही कंपनी


उपरोक्त कंपनी पूर्व में ईटारसी रोड बैतूल एच.एम.टी. के पास संचालित हो रही थी, वर्तमान में कंपनी को डहरगांव में उदय वेयर हाउस में संचालित किया जा रहा हैं। कपनी में मैनेजर द्वारा 8 माह से वेतन बढ़ाने का आश्वासन दिया जा रहा हैं, बाद में उदय वेयर हाउस डहरगांव में कंपनी संचालित होने पर वेतन बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था, किन्तु 01 माह से अधिक समय हो गया है, किन्तु हमारा वेतन नहीं बढाया गया हैं।


आर्थिक शोषण का लगाया आरोप


हम सभी कर्मचारी सिलाई मशीन आपरेटर कर रही है यह कार्य कुशल श्रेणी में आता है किन्तु हमे श्रम विभाग के आदेशानुसार निर्धारित अकुशल का भी वेतन नहीं दिया जाकर हमारा आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया जा रहा हैं। बैतूल से जाने वाले कर्मचारियो को वाहन किराया मात्र 10 देते है। जबकि बस आटो से 30 रू. मांगते है। ऐसी स्थिति में हमारा वाहन किराया भी 30 रू. किया जाए। महिलाओं ने कलेक्टर से कंपनी के मैनेजर को निर्देशित करने की मांग की है।


कुशल श्रमिक होने पर भी अकुशल से कम वेतन


कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन पिछले आठ महीने से वेतन बढ़ाने का आश्वासन दे रहा था, लेकिन अब तक एक भी रुपया नहीं बढ़ाया गया। वर्तमान में उन्हें मात्र 6500 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। उनका कहना है कि कुशल श्रमिक होने के बावजूद उन्हें अकुशल श्रमिकों से भी कम वेतन मिल रहा है। इसके अलावा, छुट्टी के दिनों का वेतन भी काट लिया जाता है।


अधिकारियों पर लगाए अभद्रता करने के आरोप


महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी के कुछ अधिकारी काम के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं और अशोभनीय शब्दों से संबोधित करते हैं। कई महिलाएं 40-50 किलोमीटर दूर से रोजाना आना-जाना करती हैं, जिससे आवागमन में खर्च और सुरक्षा का खतरा दोनों रहता है। महिलाओं ने कलेक्टर से मांग की है कि उन्हें शासन के निर्देशानुसार कुशल श्रमिक का वेतन दिलाया जाए, कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाए। फिलहाल इस मामले में कंपनी का पक्ष सामने नहीं आया है।

इनका कहना
एग्रीमेंट साल का लगता है वो एग्रीमेंट नहीं होने की वजह से, कुछ टेक्निकल प्राब्लम आई है। प्रोसेस पूरी हो चुकी है, इस महीने में रूककर क्लीयर करके आपरेटर के हिसाब से कौन किस कैटीगिरी में है उस हिसाब से अगले महीने में उनको बढ़कर पैमेंट मिल जाएगी।
कैलाश धोटे, मैनेजर टेक्नो कम्पनी बैतूल

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