भक्तों ने करवाई ज्वारे की स्थापना, 9 दिन चलेंगे कार्यक्रम
Establishment: बैतूल। चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। सदर काशीतालाब पर स्थित प्रसिद्ध छिन्नमस्तिका मातेश्वरी मंदिर में भी नवरात्र पर्व को लेकर धार्मिक आयोजन शुरू हुए हैं। पहले दिन भक्तों के द्वारा ज्योत प्रज्जवलन की गई जो 9 दिनों तक निरंतर जलते रहेगी। इसके अलावा ज्वारे की स्थापना भी की गई।

मंदिर के व्यवस्थापक पं. आनंद अग्रवाल ने बताया कि चैत्र नवरात्र के 9 दिनों तक प्रतिदिन धार्मिक आयोजन किए जाएंगे जिसमें हवन, पूजन, आरती की जाएगी। आज पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर में आकर पूजा अर्चना की।
छिन्नमस्तिका मातेश्वरी मंदिर के ट्रस्टी राम भार्गव ने बताया कि देश में छिन्नमस्तिका मातेश्वरी मूर्ति के रूप में सबसे पहले झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची से लगभग 80 किमी. दूर रामगढ़ जिले में रजरप्पा में स्थापित हुई थीं।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय पर छिन्नमस्तिका मातेश्वरी मूर्ति के रूप में यह दूसरा मंदिर है। पंडित आनंद अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में पूरे विधि विधान से ज्योत, ज्वारे एवं सभी पीठों की स्थापना की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि हजारों साल पहले राक्षसों एवं दैत्यों से मानव और देवता आंतकित थे तब माता पार्वती(शक्ति) का छिन्नमस्तिका के रूप में अवतरण हुआ था। माता का दूसरा नाम प्रचंड चंडिका भी है।
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