आशुतोष त्रिवेदी
बैतूल। कभी smooth सफर के लिए जाना जाने वाला बैतूल-परतवाड़ा मार्ग अब खतरनाक गड्ढों में तब्दील हो चुका है। कोथलकुंड से खोमई के बीच सड़क की हालत इतनी खराब है कि कहीं-कहीं डामर पूरी तरह उखड़ चुका है और वाहन चालकों को सड़क का अनुमान लगाना तक मुश्किल हो रहा है।
डामर गायब, गड्ढे ही गड्ढे
सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं, जिनकी वजह से हादसे आम हो गए हैं। कई स्थानों पर तो सड़क इतनी उखड़ गई है कि वह कच्चे रास्ते जैसी हो गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की मरम्मत को लेकर विभाग पूरी तरह लापरवाह है। न तो रिपेयरिंग हो रही है और न ही मेंटेनेंस कंपनी कोई दिलचस्पी दिखा रही है।

अधिकारियों को मालूम सब है, पर कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की जर्जर स्थिति से प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई सुधार नहीं किया जा रहा। परिणामस्वरूप आमजनता को इस खस्ताहाल मार्ग पर रोजाना जोखिम उठाते हुए सफर करना पड़ रहा है।
मेंटेनेंस कंपनी और विभाग की नाकामी उजागर
कोथलकुंड, धाबा, खोमई और जनोना बेरियर तक सड़क के गड्ढे साफ तौर पर मेंटेनेंस कंपनी और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही दिखा रहे हैं।
इन गड्ढों के कारण कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लोगों की जान तक जा चुकी है।
टोल टैक्स तो वसूला जा रहा, सुविधा नहीं
वाहन चालकों का आरोप है कि उनसे टोल टैक्स नियमित रूप से वसूला जा रहा है, लेकिन सड़कों की मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि सरकार और कंपनी टोल ले रही है तो उनका यह कर्तव्य बनता है कि सड़कों को दुरुस्त रखें। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
दिन-रात जोखिम में लोग
इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। दिन में चालक किसी तरह गड्ढों से बचकर निकल जाते हैं, लेकिन रात में गड्ढे दिखाई न देने से कई बार लोग गिरकर घायल हो जाते हैं।
वाहन चालकों ने बताया कि जहां सड़क बची भी है, वहां गिट्टियां उखड़ चुकी हैं, जिससे फिसलन और हादसों की आशंका बनी रहती है।
जनता की मांग — नई सड़क बने या तत्काल मरम्मत हो
ग्रामीणों और वाहन चालकों ने संबंधित विभाग से सड़क की तुरंत मरम्मत या पुनर्निर्माण की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जन आंदोलन या सड़क जाम जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।
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