क्या फिर दोहराई जा रही है कोई रहस्यमयी कहानी?
Missing: गंगटोक/बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से ताल्लुक रखने वाले कौशलेंद्र प्रताप सिंह (29) और उनकी नवविवाहिता पत्नी अंकिता सिंह (26) सिक्किम के मंगन जिले में 29 मई से लापता हैं। शादी के बाद हनीमून के लिए निकले इस जोड़े का अचानक इस तरह गायब हो जाना न केवल परिजनों, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरी चिंता और रहस्य का विषय बन गया है।
👫 शादी के बाद हनीमून – और फिर रहस्य
कौशलेंद्र और अंकिता की शादी 5 मई 2025 को हुई थी। कौशलेंद्र दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे, जबकि अंकिता लखनऊ के मेदांता अस्पताल में डॉक्टर थीं। हनीमून के लिए उन्होंने सिक्किम का चयन किया — पहाड़ों की खूबसूरती और शांति की तलाश में।
24 मई को वे सिक्किम रवाना हुए और शुरुआत में सबकुछ सामान्य था — रोज़ाना घरवालों से बातचीत, फोटो भेजना, और यात्रा की खुशी साझा करना। लेकिन 29 मई की शाम अचानक उनका मोबाइल बंद हो गया, सोशल मीडिया पर एक्टिविटी थम गई, और फिर से कोई संपर्क नहीं हो पाया।
🌧️ हादसा या रहस्य?
उसी दिन सिक्किम के मंगन जिले से खबर आई कि भारी बारिश के कारण एक टूरिस्ट गाड़ी खाई में गिर गई। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे — 1 ड्राइवर और 10 पर्यटक।
- 3 लोगों को बचाया गया,
- 1 की मौत हुई,
- 8 अब भी लापता हैं।
कौशलेंद्र और अंकिता भी इन्हीं लापता लोगों में बताए जा रहे हैं।
सेना, NDRF और स्थानीय प्रशासन की खोजबीन जारी है, लेकिन खराब मौसम और पहाड़ी भूगोल के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार बाधित हो रहा है।
📱 परिवार की बेचैनी, उम्मीद अब भी ज़िंदा
बलिया और लखनऊ में बैठे उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
“वे दोनों जिंदगी से बहुत प्यार करते थे… कहीं से कोई फोन आ जाए, बस उसी का इंतज़ार है,” — यह कहते हुए अंकिता की मां की आंखें भर आती हैं।
परिवार और करीबी यह मानने को तैयार नहीं कि यह केवल एक हादसा है। वे हर संभावना पर विचार कर रहे हैं — कहीं कोई साजिश तो नहीं, किसी तरह की धोखाधड़ी तो नहीं, या फिर कोई और छिपी हुई कहानी?
❌ शिलांग जैसा मामला नहीं: इस रिश्ते में कोई दरार नहीं
हाल ही में शिलांग हनीमून मर्डर केस (राजा रघुवंशी-सोनम केस) ने देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसमें पत्नी ने पति की हत्या कराई थी।
लेकिन कौशलेंद्र-अंकिता का मामला उससे बिल्कुल भिन्न है —
- न कोई झगड़ा,
- न आपसी तनाव,
- न कोई शक की गुंजाइश।
दोनों एक-दूसरे से बेहद खुश और भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे।
🔍 अब भी अनसुलझा रहस्य
सवाल अब भी बाकी हैं:
- क्या वे सच में उस गाड़ी में थे?
- अगर थे, तो अब तक उनका कोई पता क्यों नहीं चला?
- अगर नहीं थे, तो वे कहां गए?
सिक्किम की तीस्ता नदी के आसपास, उन घने जंगलों और बादलों में, जैसे कोई अधूरी कहानी बिखरी पड़ी है — जिसका जवाब अब देश को इंतज़ार है।
🕯️ समाप्ति नहीं, उम्मीद की लौ
परिजन आज भी हर कॉल पर चौंक जाते हैं, हर दरवाजे की आहट पर दौड़ते हैं, इस विश्वास के साथ कि कौशलेंद्र और अंकिता जीवित हैं, और किसी चमत्कार के ज़रिए फिर से मिलेंगे।
अब निगाहें सिर्फ प्रशासन और राहत टीमों पर टिकी हैं — और उस पल का इंतजार है, जब यह रहस्य सुलझेगा, और अधूरी कहानी को कोई सुखद अंत मिलेगा।
साभार…
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