Monsoon Session: नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आगामी 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र कई अहम विधायी प्रस्तावों का गवाह बनने वाला है। सरकार इस सत्र में आठ नए विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिनमें सबसे प्रमुख विधेयक मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने से संबंधित है। गौरतलब है कि मणिपुर में 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था, और संवैधानिक प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार को हर छह माह में इसकी संसदीय मंजूरी लेनी होती है। मौजूदा राष्ट्रपति शासन की अवधि 13 अगस्त को समाप्त हो रही है, ऐसे में सरकार इस सत्र में मणिपुर को लेकर नया प्रस्ताव संसद में लाएगी।
पिछले सत्र की कार्यप्रणाली
पिछले बजट सत्र में संसद की कार्यप्रणाली काफी मिश्रित रही थी:
- लोकसभा की उत्पादकता केवल 18% रही।
- वहीं, राज्यसभा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 119% उत्पादकता दर्ज की।
- सत्र के दौरान कुल 16 विधेयक पारित किए गए।
- सत्र में जेपीसी रिपोर्ट, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 जैसे अहम मुद्दे सामने आए।
मानसून सत्र में ये विधेयक हो सकते हैं पेश
सरकार संसद के दोनों सदनों में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी कर चुकी है, जिनमें शामिल हैं:
🔹 नए विधेयक:
- मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
- जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025
- भारतीय संस्थान प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2025
- कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2025
- भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक, 2025
- खान एवं खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
🔹 संभावित पारित विधेयक:
- गोवा विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024
- मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025
- आयकर विधेयक, 2025
राजनीतिक पृष्ठभूमि और संभावित हंगामा
विपक्ष ने पहले ही संकेत दिए हैं कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लेकर वे सरकार से जवाब मांगेंगे। साथ ही खेल प्रशासन और डोपिंग रोधी संशोधन विधेयकों पर भी चर्चा और बहस की संभावना है, जो देश में खेल सुधारों को दिशा दे सकते हैं।
नजरें अब मानसून सत्र की कार्यवाही पर
देशभर की निगाहें अब मानसून सत्र पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विधायी एजेंडे को किस हद तक अमलीजामा पहनाती है, और विपक्ष क्या रुख अपनाता है।
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