Plan: मुलताई। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद हरदौली जल आवर्धन योजना मुलताई नगरवासियों की प्यास नहीं बुझा पा रही है। नगर पालिका द्वारा वर्षों से किए जा रहे खर्च और दावों के बावजूद आज भी लोगों को चार दिन में केवल एक बार ही पानी मिल पा रहा है।
नगर में वर्ष 1997 में तत्कालीन विधायक पी.आर. बोडखे द्वारा लाई गई यह योजना करीब 28 साल बाद भी निष्प्रभावी साबित हो रही है। जबकि हरदौली जलाशय में पर्याप्त पानी मौजूद है, फिर भी नगरपालिका की अव्यवस्था के कारण नियमित जलापूर्ति नहीं हो पा रही है।
30 दिन का पैसा, मात्र 10 दिन की सप्लाई
नगर में लगभग 7 हजार नल कनेक्शन हैं। हर उपभोक्ता से प्रतिमाह 90 रुपये जलकर वसूला जाता है। इसके बावजूद महीने के 30 दिनों में केवल 10 दिन ही जल आपूर्ति की जाती है। नागरिकों का कहना है कि नगरपालिका पूरा शुल्क लेकर अधूरी सेवा दे रही है, जिससे वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
पर्याप्त पानी, फिर भी लचर व्यवस्था
निकाय के पास हरदौली डेम, सांडिया और ट्यूबवेलों में पर्याप्त जल भंडार मौजूद है। नगर को प्रतिदिन लगभग 2 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जो निकाय के पास उपलब्ध है। फिर भी, प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्थित सप्लाई तंत्र के कारण नियमित वितरण नहीं हो पा रहा है। निकाय इस स्थिति के लिए संसाधनों की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
अवैध कॉलोनियों में सड़क, पर स्टोरेज टैंक नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल ही में नगरपालिका ने मुख्यमंत्री अधोसंरचना निधि से अवैध कॉलोनियों में सड़क निर्माण पर राशि खर्च की, जबकि यह जिम्मेदारी कॉलोनाइज़रों की थी। यदि यही राशि जल स्टोरेज टैंक बढ़ाने पर लगाई जाती, तो आज पानी की किल्लत की समस्या काफी हद तक हल हो सकती थी।
क्या बोले जिम्मेदार
वीरेन्द्र तिवारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मुलताई
“निकाय के पास पर्याप्त पानी है, लेकिन स्टोरेज की क्षमता सीमित है। इसके समाधान के लिए शासन से पत्राचार किया गया है। फंड मिलते ही समस्या का समाधान किया जाएगा।”
अंजली सुमित शिवहरे, पार्षद, विवेकानंद वार्ड, मुलताई
“कांग्रेस शासनकाल में एक दिन छोड़कर पानी दिया जाता था, जबकि स्टोरेज क्षमता तब भी समान थी। निकाय यदि व्यवस्था सुधारे, तो आज भी यही किया जा सकता है। यह जनता का अधिकार है।”
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