Policy: मध्य प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नई एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज) पॉलिसी तैयार कर रही है। यह पॉलिसी आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लागू की जाएगी। साथ ही, भूमि आवंटन और प्रोत्साहन से संबंधित नई नीतियां भी लाने की योजना है।
नई पॉलिसी के उद्देश्य
- स्थानीय उद्यमों का विकास
- विदेशी निवेश को आकर्षित करना
- रोजगार के अवसर बढ़ाना
प्रोत्साहन सब्सिडी और नीतिगत बदलाव
- एमएसएमई के लिए प्रोत्साहन सब्सिडी को बढ़ाकर 700 करोड़ से 1100 करोड़ रुपये किया गया है।
- निर्यात संवर्धन के लिए ट्रांसपोर्ट अनुदान, सोलर प्लांट्स को सहायता, और टेस्टिंग लैब्स के विकास जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
- एक केंद्रीकृत पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जहां उद्योगपतियों के लिए पॉलिसी और डाटा संग्रहण की सुविधा होगी।
स्टार्ट-अप और क्लस्टर विकास पर जोर
- पॉलिसी में स्टार्ट-अप्स के लिए विशेष प्रावधान और क्लस्टर विकास का नया ईको-सिस्टम बनाया जाएगा।
- अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं द्वारा संचालित इकाइयों को प्राथमिकता दी जाएगी।
उद्योगपतियों के सुझाव
राज्य सरकार ने औद्योगिक संगठनों से सुझाव लेकर नीतियों में सुधार की दिशा में पहल की है:
- दोहरे कराधान को समाप्त करना।
- भूखंड हस्तांतरण प्रक्रिया को सरल बनाना।
- महिला उद्यमियों के लिए विशेष बुनियादी ढांचा तैयार करना।
- सभी जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना।
- बड़े शहरों में बहुमंजिला औद्योगिक पार्क बनाना।
- उत्पादन लागत कम करने और नई तकनीक के उपयोग के लिए अतिरिक्त अनुदान देना।
वर्ष 2025: उद्योग वर्ष
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इस संदर्भ में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्कलेव के सकारात्मक परिणामों के आधार पर स्थानीय निवेश और रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आगे की योजना
- अगले सप्ताह निर्यात बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
- जिला स्तर पर वन-स्टॉप सेंटर के माध्यम से निवेशकों के साथ संवाद बढ़ाया जाएगा।
- कलेक्टरों को निवेश समितियों का नेतृत्व सौंपा जाएगा।
यह नई पॉलिसी स्थानीय और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने, औद्योगिक आधारभूत संरचना को मजबूत करने और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने में सहायक होगी।
source internet… साभार….
Leave a comment