Rein: भोपाल — मध्यप्रदेश सरकार ने अफसरों की सरकारी गाड़ियों की खरीद और उपयोग को लेकर सख्ती बरतते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। अब कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर, और सचिव स्तर के अधिकारी निर्धारित मूल्य सीमा से ऊपर की गाड़ियां नहीं ले सकेंगे। इससे महंगी और लग्जरी गाड़ियों पर रोक लगेगी।
🔑 मुख्य बिंदु:
🚗 गाड़ियों की कीमत सीमा तय
- कलेक्टर/एसपी (Level-13 वेतनमान):
- पेट्रोल/डीजल/सीएनजी: अधिकतम ₹10 लाख
- ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन): अधिकतम ₹15 लाख
- कमिश्नर/सचिव (Level-14 और उससे ऊपर):
- पेट्रोल/डीजल/सीएनजी/हाइब्रिड: ₹12 लाख तक
- ईवी: ₹18 लाख तक
- उप सचिव (Level-12):
- पेट्रोल/डीजल/सीएनजी: ₹7 लाख
- ईवी: ₹10 लाख
🧑💼 क्लास 2 और 3 अफसरों के लिए:
- पेट्रोल/डीजल/सीएनजी/हाइब्रिड: ₹7 लाख
- ईवी: ₹10 लाख
📋 नई वाहन खरीद पर नियंत्रण
- कोई भी नया वाहन खरीदने या बदलने से पहले वित्त विभाग से अनुमति जरूरी।
- विभागीय बजट के अनुसार ही प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- पहले से मौजूद वाहन की तय अवधि पूरी होने के बाद ही बदलाव संभव।
⚙️ एकरूपता और नियंत्रण का उद्देश्य
- सरकार का उद्देश्य है कि फिजूलखर्ची पर लगाम लगे और वाहन चयन में मानक और अनुशासन बना रहे।
- अब वेतन मैट्रिक्स के आधार पर ही अधिकारी वाहन का उपयोग कर सकेंगे, जिससे भेदभाव और अतिरेक रुकेगा।
- साभार….
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