क्लिनिकल ट्रायल्स में 100% सफल
Vaccine: मॉस्को। रूस ने कैंसर के इलाज में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश की नई mRNA आधारित वैक्सीन ‘एंटरोमिक्स’ ने प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में 100% प्रभावशीलता और सुरक्षा दिखाई है। इसे रूस के नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजी सेंटर और रूसी एकेडमी ऑफ साइंस के एंगेलहार्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने मिलकर विकसित किया है।
वैक्सीन के शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल्स 48 वॉलंटियर्स पर किए गए थे। इसकी घोषणा जून 2025 में हुए सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (SPIEF 2025) में की गई थी।
कैसे काम करती है यह वैक्सीन?
फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) की प्रमुख वेरोनिका स्क्वॉर्ट्सोवा ने बताया कि एंटरोमिक्स हर मरीज के लिए उनकी व्यक्तिगत RNA प्रोफाइल के आधार पर अलग-अलग तैयार की जाएगी।
- यह शरीर की इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम बनाती है।
- वैक्सीन से ट्यूमर का आकार छोटा हुआ और उसकी वृद्धि रुक गई।
- इसे बार-बार देने पर भी कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया।
यह पहल इसे पारंपरिक कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे इलाजों से अलग बनाती है।
किन कैंसर पर हो रहा प्रयोग?
- पहला संस्करण कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर) के लिए तैयार किया गया है।
- वैज्ञानिक अब ग्लियोब्लास्टोमा (मस्तिष्क का कैंसर) और मेलेनोमा (त्वचा का कैंसर) के लिए भी इसके नए वेरिएंट विकसित कर रहे हैं।
क्यों है खास?
अगर रेगुलेटरी मंजूरी मिल जाती है तो एंटरोमिक्स दुनिया की पहली पर्सनलाइज्ड mRNA कैंसर वैक्सीन होगी। यह न केवल रूस बल्कि पूरी दुनिया में हजारों लोगों की जान बचाने और कैंसर के इलाज में नया युग शुरू करने की क्षमता रखती है।
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