लागत भी नहीं निकल रही, अन्नदाता परेशान
Worried: खेड़ीसांवलीगढ़ मनोहर अग्रवाल। सब्जियों में अगर टमाटर नहीं है तो सब्जी का मजा नहीं आता है, यही कारण है कि टमाटम की मांग हमेशा बनी रहती है और कई बार टमाटम की कीमते आसमान छूती है। कुछ दिनों पहले तक टमाटम के दाम बहुत महंगे थे लेकिन अब अचानक ही कीमत गिर गई है जिसके कारण टमाटम उत्पादक किसान परेशान है और टमाटर पैदा करने की लागत भी नहीं निकलने के कारण वे खेत को खाली करने के लिए वे टमाटर तोड़कर सड़क के किनारे फेंक रहे हैं। कई किसान तो मवेशियों को टमाटर खिला रहे हैं तो कई किसान फ्री में टमाटर बांट रहे हैं।
दरअसल इसके पीछे टमाटर महाराष्ट्र से लगातार आना भी बताया जा रहा है। मंडी में टमाटर की आवक जब जब भी बढ़ी है दाम में गिरावट आई है लेकिन प्रति किलो 10रूपये भी नहीं मिल रही ऐसे में किसान को टमाटर मंडी में भी ले जाना नहीं पूरा रहा किराए ही टमाटर की कीमत से ज्यादा हो जा रहा है इस वजह से कई किसान एक तो लोगों को फ्री में टमाटर देते हुए नजर आ रहे तो कोई सड़कों पर बिखेरते हुए दिखलाई दिए। झल्लार बाजार से टमाटर की दुर्गति हुई, गुस्साए किसानों ने सड़कों पर ही टमाटर बिखेर दिए, अब हालत ये है की बैलो सामने भी टमाटर डाल दो तो वे भी नहीं खा रहे है।
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