Subsidy – केंन्द्र सरमकार ने धान की न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 143 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की गई है। इसी तरह तुअर और उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी भारी इजाफा किया गया है। मानसून के आगमन से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा भी दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने धान सहित अन्य कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों को भी बढ़ा दिया है। जानकारी के अनुसार, धान के समर्थन मूल्यों में 143 रुपये प्रति क्विंटल की दर के हिसाब से बढ़ोतरी की गई है।
और इसी तरह से तुअर और उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी भारी इजाफा भी कर दिया गया है। वहीं, इस खबर से किसानों के चेहरे पर खुशी छा गई है। किसानों ने केंद्र सरकार के इस फैसले की खूब सराहना की है।
तुअर दाल की एमएसपी में 400 रूपए की बढ़ोतरी की गई | Subsidy
कैबिनेट की बैठक के बाद मोदी सरकार ने धान के साथ-साथ दलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। और खरीफ की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 3 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
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तुअर दाल की न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इजाफा किया गया है। इस तरह अब तुअर दाल का भाव बढ़कर 7000 रुपये क्विंटल हो गया। वहीं, उड़द दाल के न्यूनतम समर्थम मूल्य में 350 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब एक क्विटंल उड़द दाल का भाव 6950 रुपये हो गया है।
केंन्द्र सरकार ने मोटे अनाज को ज्यादा महत्व दिया है
खास बता यह है कि मोटे अनाज की न्यूनतम समर्थन मूल्यों में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया है। कि केंद्रीय कैबिनेट ने मक्के की न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 128 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की है।
केंन्द्र सरकार हर साल फसलों की एमएसपी तय करती है | Subsidy
बता दें कि कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंन्द्र सरकार हर साल 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। इन 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की सिफारिश जारी करता है।
इसमें सात अनाज, पांच दलहन, सात तिलहन और चार कमर्शियल फसलें भी शामिल हैं। इन 23 फसलों में से 15 खरीफ की फसलें हैं और शेष रबी हैं।
24.97 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था
बता दें कि धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के निर्णय से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के किसानों को अच्छा खासा लाभ भी होगा। क्योंकि इन राज्यों में धान की अच्छी खेती होती है।
अकेले पश्चिम बंगाल 54.34 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है, जिससे 146.06 लाख टन धान का उत्पादन भी होता है। और आपकों यह है कि भारत सबसे अधिक बासमती चावल का निर्यात करता है। पिछले साल भारत ने 24.97 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था।
Source – Internet
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