A unique confluence: मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर अभयारण्य नामक एक नया पर्यटन स्थल विकसित होने जा रहा है, जो धार्मिक आस्था और वन्यजीवन का अद्भुत मिश्रण होगा। यह अभयारण्य पर्यटकों को महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के साथ-साथ जंगल सफारी का आनंद भी प्रदान करेगा।
अभयारण्य की विशेषताएं
📍 कुल क्षेत्रफल: 61407.09 हेक्टेयर
📍 समाविष्ट क्षेत्र:
- खंडवा जिला – 34,559.19 हेक्टेयर
- देवास जिला – 26,847.90 हेक्टेयर
📍 स्थान: भोपाल और इंदौर के पास, उज्जैन से 180 किमी दूर
📍 प्राकृतिक संपदा: जंगल, जल स्रोत, और 52 टापू
📍 विशेषता: इंदिरा सागर बांध से सटा क्षेत्र
वन्यजीवन और जैव विविधता
🦁 110 तेंदुए सक्रिय, जिनमें 26 को हाल ही में छोड़ा गया है।
🐅 2017 में बाघों की मौजूदगी भी दर्ज की गई थी।
🦌 अन्य वन्यजीव: रीछ, सियार, लकड़बग्गा, मोर, चीतल, सांभर, चिंकारा।
🌳 मुख्य वनस्पतियां: सागौन, सालई, धावड़ा।
पर्यटन और विकास की संभावनाएं
🏕️ जंगल सफारी और होम स्टे कल्चर को बढ़ावा मिलेगा।
🏨 होटल और रिसॉर्ट्स के लिए निवेश शुरू।
👷♂️ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, विस्थापन की जरूरत नहीं।
अगले कदम
✅ वन समितियों और जनप्रतिनिधियों की सहमति के बाद प्रस्ताव भोपाल भेजा गया।
✅ देवास क्षेत्र में अभी विकास कार्य प्रगति पर है।
✅ स्वीकृति मिलते ही पर्यटन को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
ओंकारेश्वर अभयारण्य धार्मिक और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार पर्यटन स्थल बनने जा रहा है। यहां आने वाले लोग जंगल सफारी के रोमांच का अनुभव लेने के साथ-साथ ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी कर सकेंगे, जिससे यह क्षेत्र आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन का अनूठा केंद्र बनेगा।
source internet… साभार….
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