Compassionate appointment: भोपाल | मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को हुए प्रश्नकाल में दो अहम मुद्दे सामने आए—एक, कोरोना काल के दौरान जान गंवाने वाले संविदा कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने पर सरकार द्वारा विचार, और दूसरा, परिवहन विभाग में टैक्स वसूली को लेकर हुई बड़ी लापरवाही का खुलासा।
🧾 कोरोना काल के मृतकों के परिवारों को राहत की उम्मीद
विधानसभा में कांग्रेस विधायक चौधरी सुजीत सिंह ने कोरोना काल के दौरान दिवंगत संविदा कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति देने का मुद्दा उठाया। जवाब में उप मुख्यमंत्री डॉ. राजेन्द्र शुक्ला ने कहा:
“सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि, जिन परिवारों को पहले ही ₹50 लाख का बीमा लाभ मिल चुका है, उन्हें अनुकंपा नियुक्ति देना है या नहीं, इस पर विशेष विचार किया जाएगा।”
यह बयान मृत कर्मचारियों के परिजनों के लिए संभावित राहत की उम्मीद लेकर आया है।
🚛 परिवहन विभाग में ₹2474 करोड़ टैक्स बकाया
विधानसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभागों में चलने वाले यात्री और मालवाहक वाहनों पर मोटरयान कर की भारी ₹2474 करोड़ की लेनदारी का मामला उजागर हुआ।
कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के सवाल के जवाब में मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया:
इनमें से ₹425 करोड़ 16 लाख की राशि सिर्फ यात्री वाहनों से मासिक मोटरयान टैक्स की है।
34,523 मामलों में टैक्स वसूली 6 माह से अधिक समय से लंबित है।
टैक्स वसूली के लिए वाहन संचालकों को समय-समय पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
सरकार का कहना है कि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि प्रशासनिक सुस्ती और अनुपालन की कमी से राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।
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