Assessment: भोपाल। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस अब अपने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की लोकप्रियता का आकलन कराने जा रही है। इसकी शुरुआत नगरीय निकायों से होगी, जबकि दूसरे चरण में विधायकों की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
योजना की रूपरेखा
- पहला चरण: नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों की छवि, कामकाज, मतदाताओं से संपर्क और संवाद का मूल्यांकन।
 - दूसरा चरण: विधायकों और हारे हुए प्रत्याशियों से भी फीडबैक लिया जाएगा।
 - आधार: रिपोर्ट स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक पर तैयार होगी।
 - परिणाम: संगठन जनप्रतिनिधियों को बुलाकर सचेत करेगा और सुधार के लिए मार्गदर्शन देगा।
 
पृष्ठभूमि
- 2022 में नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा, ग्वालियर, मुरैना, रीवा और जबलपुर में महापौर पद जीते थे।
 - इसके बावजूद 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केवल 66 सीटों पर सिमट गई और लोकसभा चुनाव में उसका खाता भी नहीं खुला।
 - अब 2027 से शुरू होने वाले चुनावी क्रम को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है।
 
संगठन का बयान
प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कामले ने कहा कि “जनप्रतिनिधियों की जनता के बीच छवि और कामकाज का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसी आधार पर आगे टिकट देने और चुनावी रणनीति बनाने का काम होगा।
साभार…
                                                                                                                                
				            
				            
				            
				            
                            
                                        
                                        
				            
				            
				            
				            
			        
			        
			        
			        
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