Income Tax: नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 जनवरी को फ्लोरिडा में आयोजित 2025 रिपब्लिकन इश्यूज कॉन्फ्रेंस में एक बड़ा आर्थिक प्रस्ताव रखा। उन्होंने इनकम टैक्स प्रणाली को समाप्त कर टैरिफ बढ़ाने की वकालत की। ट्रंप का दावा है कि इस कदम से अमेरिकी नागरिकों की डिस्पोजेबल इनकम (टैक्स के बाद बची हुई आय) में वृद्धि होगी और देश आर्थिक रूप से और मजबूत बनेगा।
ट्रंप का बयान:
ट्रंप ने कहा,
“हमें अपने नागरिकों से टैक्स लेने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय हमें विदेशी राष्ट्रों पर टैक्स लगाकर अपने नागरिकों को समृद्ध करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका 1913 से पहले बिना इनकम टैक्स के भी समृद्ध था, और 1870-1913 के बीच टैरिफ के जरिए देश ने अपनी सबसे अमीर अवधि देखी।
टैरिफ प्रणाली का ट्रंप का दृष्टिकोण:
- क्या है टैरिफ?
टैरिफ वह शुल्क है, जो सरकार आयात और निर्यात पर लगाती है।- लाभ:
- सरकार को राजस्व प्राप्त होता है।
- आयातित वस्तुओं की तुलना में घरेलू उत्पाद सस्ते होते हैं, जिससे घरेलू उद्योगों को लाभ मिलता है।
- लाभ:
- ऐतिहासिक संदर्भ:
ट्रंप ने 1887 के “महान टैरिफ आयोग” का उल्लेख किया, जब अमेरिका इतना समृद्ध था कि सरकार को धन के उपयोग के लिए एक आयोग गठित करना पड़ा।
ट्रंप की योजना:
- इनकम टैक्स खत्म करना:
नागरिकों पर टैक्स का बोझ कम कर उनकी आय को बढ़ाना। - टैरिफ बढ़ाना:
विदेशी वस्तुओं पर शुल्क लगाकर सरकार का राजस्व बढ़ाना और घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना।
प्रस्ताव के फायदे:
- अमेरिकी नागरिकों की आय में वृद्धि होगी।
- घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में लाभ मिलेगा।
- विदेशी व्यापार पर निर्भरता कम होगी।
विपक्ष की चिंताएं:
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ बढ़ाने से आयातित वस्तुएं महंगी हो सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर असर पड़ सकता है। ट्रंप की यह योजना 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनके आर्थिक एजेंडे का हिस्सा बन सकती है। अब यह देखना होगा कि उनकी यह नीति जनता और नीति-निर्माताओं को कितना प्रभावित करती है।
source internet… साभार….
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