Increase: नई दिल्ली: 1 अप्रैल से दवाओं की कीमतों में वृद्धि आम जनता, विशेषकर उन मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है, जो नियमित रूप से दवाओं का सेवन करते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- 1.7% तक बढ़ सकती हैं दवाओं की कीमतें, जिससे डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर और एंटीबायोटिक्स जैसी जरूरी दवाओं पर असर पड़ेगा।
- मुद्रास्फीति आधारित मूल्य संशोधन—थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में वृद्धि के कारण NPPA ने यह फैसला लिया है।
- बुजुर्गों और क्रॉनिक बीमारियों वाले मरीजों पर सीधा असर, जिससे उनकी दवा पर खर्च बढ़ जाएगा।
- हेल्थ इंश्योरेंस पर भी प्रभाव, क्लेम बढ़ने से प्रीमियम दरें महंगी हो सकती हैं।
- पिछले साल भी 12% तक बढ़ चुके थे दाम, अब फिर से वृद्धि महंगाई का अतिरिक्त बोझ बनाएगी।
यह फैसला मरीजों के लिए आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको क्या लगता है, क्या सरकार को इस बढ़ोतरी पर पुनर्विचार करना चाहिए या यह एक आवश्यक कदम है?
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