Jamun Farming – वैसे तो जामुन एक औषधीय फल है। लेकिन जामुन के फल से कई प्रकार की दवाईयां भी बनाई जाती है। जैसे की शुगर रोगियों के लिए जामुन के बीजों का खास उपयोंग किया जाता है। जो कि जामुन के बीजों को सुखाकर शुगर के रोगी अगर इसका सेवन करते है तो उनको इससे बहुत लाभ होता है और शुगर भी लेवल में रहती है। और खास बात यह भी है कि जामुन की खेती भी आम, लीची और अमरूद की तरह की की जाती है।
इसी कारण से जामुन की कीमत आम और अमरूद से ज्यादा होती है l Jamun Farming
जामुन खाना हर किसी को पसंद है। लेकिन यह एक एंटीऑक्सिडेंट फल है। इसका सेवन करने से हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। और इसमें आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम और विटामिन सी सबसे ज्यादा मात्रा में उपलब्यध होता है। इसलिए यह भी कहा जाता है कि जामुन खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं।
यही कारण है कि जामुन की कीमत आम और अमरूद से भी ज्यादा होती है। यदि किसान अपनी पारंपरिक खेती के अलावा जामुन की खेती करते हैं, तो अमरूद के मुकाबले अधिक कमाई कर सकते हैं। खास बात यह है कि कई राज्यों में राज्य की सरकारें जामुन की खेती करने पर किसानों को सब्सिडी भी देती है।
किसान जामुन की खेती करते है तो कृषि विभाग उन्हें सब्सिडी के भी देता है
अभी बिहार सरकार जामुन की खेती शुरू करने वाले किसानों को अनुदान दे रही है। बिहार सरकार प्रदेश में जामुन सहित कई फसलों का क्षेत्रफल को भी बढ़ाना चाहती है। और इसी वजह से वह मुख्यमंत्री बागवानी मिशन और राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों 50 प्रतिशत अनुदान राशि भी प्रदान कर रही है। अगर किसान जामुन की खेती करना चाहते हैं, तो कृषि विभाग मे जाकर सब्सिडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
किसान जामुन की खेती करते है तो खेतों में जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए l Jamun Farming
वैसे तो जामुन एक विशेष प्रकार का औषधीय फल है और इस फल के माध्यम से कई प्रकार की दवाइयां भी बनाई जाती हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जामुन की खेती भी आम, लीची और अमरूद की तरह की की जाती है। इसके लिए सबसे पहले की खेत को जोता जाता है।
इसके बाद पाटा चलाकर खेत को बराबर भी किया जाता है। आप चाहें, तो इसके लिए खेत में जैविक खाद के रूप में गोबर की खाद का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके बाद सामान दूरी पर जामुन के पौधे लगा सकते हैं। जामुन के खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी बहुत ही आवश्यक होता है।
एक हेक्टेयर में 250 से ज्यादा जामुन के पौधे लगा सकते हैं
जामुन के पौधे लगाने पर 4 से 5 साल में फल आने शुरू हो जाते हैं। लेकिन 8 साल बाद पौधे पूर्ण रूप से पेड़ का रूप धारण कर लेते हैं। इसके बाद जामुन का उत्पादन भी काफी बढ़ जाता है। यानी कि 8 साल बाद आप जामुन के पेड़ से 80 से 90 प्रति किलो तक फल तोड़ सकते हैं।
अगर आप एक हेक्टेयर में जामुन की खेती करते हैं, तो आप इसमें कम से कम 250 से ज्यादा जामुन के पौधे भी लगा सकते हैं। इस प्रकार आप कम से कम 8 साल बाद 250 जामुन के पेड़ से 20000 किलो तक फल प्राप्त कर सकते हैं।
क्योंकि अभी बाजारों में जामुन 140 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। इस तरह से आप अगर एक हेक्टेयर में जामुन की खेती कर 20 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर सकते हैं।
Source – Internet
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