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Raid: उपायुक्त सहित शराब ठेकेदारों के ठिकानों पर ईडी ने दी दबिश

उपायुक्त सहित शराब ठेकेदारों के

मामला आबकारी विभाग में फर्जी एफडी से जुड़ा होने का

Raid: भोपाल(ई-न्यूज)। प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मध्यप्रदेश के भोपाल में आबकारी उडऩदस्ते में पदस्थ उपायुत आलोक खरे के भोपाल और रीवा में ठिकानों सहित शराब ठेकेदारों के ठिकाने पर दबिश दी दी है। ईडी ने यह कार्यवाही मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, रीवा और मंदसौर में की है। इसके साथ आबकारी विभाग के एक और अधिकारी संजीव दुबे के यहां भी सर्चिंग की जा रही है। मामला आबकारी विभाग के फर्जी एफडी केस से जुड़ा बताया जा रहा है। इंदौर में अलग-अलग शराब कारोबारियों के 18 ठिकानों पर दबिश दी गई है। जबलपुर और मंदसौर में भी शराब व्यापारियों के ठिकानों पर जांच की जा रही है। अभी तक इस मामले में ईडी की ओर से अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।


6 साल पहले भी दी थी दबिश


ईडी ने यह कार्रवाई लोकायुक्त छापे के आधार पर शुरू की है। करीब 6 साल पहले आलोक खरे के सात ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापामार कार्रवाई की थी। भोपाल, इंदौर, रायसेन में दो-दो जबकि छतरपुर में एक ठिकाने पर दबिश दी गई थी। जांच में 100 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था। खरे का इंदौर के पॉश इलाके में एक पेंट हाउस, एक बंगला जबकि भोपाल के चूनाभट्टी और बाग मुगालिया में दो बड़े बंगले और कोलार में फार्म हाउस मिला था। रायसेन में दो फार्म हाउस भी सामने आए थे। इंदौर के बंगले से 10 लाख और रायसेन के फार्म हाउस से पांच लाख रुपए कैश मिले थे। खरे के छतरपुर स्थित बंगले से विदेशी मुद्रा भी मिली थी। इस मकान की कीमत करोड़ों में है। खरे ने अपनी पत्नी के नाम पर रायसेन में फलों की खेती दिखाई थी। उसका भोपाल में एक बंगला गोल्डन सिटी, चूना भट्टी में है।


इंदौर में 18 ठिकानों पर कार्रवाई


इंदौर में शराब ठेकेदार अविनाश और विजय श्रीवास्तव, राकेश जायसवाल, योगेंद्र जायसवाल, राहुल चौकसे, सूर्यप्रकाश अरोरा, गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल के ठिकानों पर छापे पड़े हैं। बसंत बिहार कॉलोनी, तुलसी नगर और महालक्ष्मी नगर में ईडी की टीमें पहुंची हैं। दरअसल, इंदौर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में साल 2015 से 2018 के बीच सरकारी गोदाम से शराब लेने के लिए इस्तेमाल 194 बैंक चालानों में गड़बड़ी सामने आई थी। हजारों के बैंक चालानों को लाखों रुपए का बनाकर गोदामों से उतनी ही शराब उठाई गई। फिर इसे ठेकेदारों ने अपनी सरकारी शराब दुकान से बेचा। शिकायत मिलने पर ईडी ने 2024 में जांच शुरू की थी।


मंदसौर में जनता कॉलोनी में दबिश


मंदसौर में ईडी की टीम जनता कॉलोनी स्थित शराब कारोबारी अनिल त्रिवेदी के मकान पर पहुंची है। 7 सदस्यीय टीम घर के अंदर सर्चिंग कर रही है। मौके पर सीआरपीएफ के पुलिस जवान तैनात हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शराब कारोबारियों के ठिकानों पर ईडी की कार्यवाही के बाद सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने कहा- इंदौर के फर्जी चालान कांड का मुख्य आरोपी एवं सरगना तत्कालीन आबकारी अधिकारी संजीव दुबे है। लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में कई शिकायतों और 10 साल से चल रही जांच के बाद भी भ्रष्ट अधिकारी को मुख्यमंत्री ने जबलपुर में पदस्थ क्यों किया? पोल खुलने के बाद चंदा इकट्ठा कर अधिकारियों ने 22 करोड़ रुपए सरकार के खाते में जमा करा दिए, पर सवाल यह है कि यह धन आया कहां से? साभार…

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