Suran Ki Kheti – गर्मी के दिनों में सूरन की खेती करना लाभदायक होता है क्यों कि गर्मी के मौसम में सूरन की सब्जी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है। और यह भी बताया जाता है कि दिवाली के समय सूरज खाने की मान्यता भी है। इन दिनों बाजारों में सूरन की मांग भी बढ़ जाती है। और सूरन की सब्जी पौष्टिक भी होती है इसकी सब्जी से या इसका बनाया गया सलाद से भी कई तरह की बिमारियों में फायदा होता है।
इस प्रकार सूरन की खेती करने से अच्छी आमदनी – Suran Ki Kheti
वैज्ञानिकों के अनुसार इस विधि से करे सूरन की एक एकड़ में खेती और कमाए लाखों रूपए सूरन की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी गई है। इसकी रोपाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी होगी । जब खेत की मिट्टी से नमी हट जाए तो एक बार फिर रोटावेटर से खेत की जुताई कर दें।
सूरन में कई विटामिन भी पाए जाते है
हालांकि, ऐसे सालों भर मार्केट में सूरन बेचा जाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन बी1, फोलिक एसिड और फाइबर पाया जाता है। साथ ही यह सूरन मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और फॉस्फोरस का भी भंडार है।
सूरन के खाने से शरीर को प्राप्त मात्रा में विटमामिन्स और पोषक तत्व मिलते हैं। ऐसे सूरन को बिहार सहित कई राज्यों में ओल के नाम से भी जाना जाता है। अगर किसान भाई सूरन की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं।
सूरन की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी बलुई, दोमट – Suran Ki Kheti
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहले लोग घर के पीछे या बेकार पड़ी जमीन पर सूरन रोपते थे, जिसे पर्व – त्योहारों पर जमीन से निकाल कर खाया जाता था। लेकिन अब, किसान बड़े स्तर पर सूरन की खेती कर रहे हैं।
अगर किसान भाई चाहें, तो खरीफ के सीजन में भी सूरन की खेती कर सकते हैं। सूरन की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी गई है। इसकी रोपाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी होगी।
जब खेत की मिट्टी से नमी हट जाए तो एक बार फिर रोटावेटर से खेत की जुताई कर दें। फिर अंतिम जुताई करने से पहले खेत में प्रति हेक्टेयर 12 टन की दर से गोबर डाल दें और पाटा चला कर समतल कर दें।
इस तरह करें सूरन की बुवाई
इसके बाद दो – दो फीट की दूरी पर 30 सेंटीमीटर गहरे गड्ढे की खोदाई कर दें। फिर, इन गड्ढों में सूरन के बीज की रोपाई कर दें। अगर सूरन के बीज का आकार 300 ग्राम से ज्यादा बड़ा है, तो उसे काट कर दो टुकड़ों में अलग – अलग कर सकते हैं।
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इस तरह आप एक एकड़ में 4 हजार सूरन के बीज रोप सकते हैं। रोपाई करने के 90 दिन बाद सिंचाई करनी पड़ेगी। सूरन की खासियत है कि पूरे खरीफ सीजन के दौरान इसे तीन बार ही सिंचाई करनी पड़ती है। मई महीने के बाद इसकी सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
ये हैं सूरन की बेहतरीन किस्में – Suran Ki Farming
इस तरह 6 महीने बाद सूरन की फसल तैयार हो जाएगी। एक एकड़ में करीब 200 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है। अभी मार्केट में सूरन 3 से 4 हजार रुपये क्विंटल है। अगर आप 3 हजार रुपये क्विंटल भी सूरन बेचते हैं, तो एक एकड़ से 6 लाख की कमाई कर सकते हैं। गजेंन्द्र, एन -15, राजेंन्द्र ओल और संतरा गाची सूरन के बेहतरीन किस्में हैं।
Source – Internet
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