एक परीक्षा से मिलेंगे कई विभागों के सरकारी पद
System implemented: भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब प्रदेश में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तर्ज पर विभिन्न विभागों के एक जैसे पदों के लिए केवल एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और जनवरी 2026 से इसे लागू करने की तैयारी है। अब तक एमपीपीएससी (Madhya Pradesh Public Service Commission) साल में औसतन 20 से 22 और कर्मचारी चयन मंडल (ESB) करीब 30 परीक्षाएं आयोजित करता है। लेकिन नए सिस्टम के तहत एमपीपीएससी केवल 5 और ईएसबी 4 परीक्षाएं ही लेगा। कुल 9 कैटेगरी में साल में सिर्फ एक परीक्षा होगी, जिससे चयन प्रक्रिया तेज होगी और अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी।
क्या बदलेगा नए सिस्टम में?
- एक परीक्षा, कई अवसर:
हर बार अलग-अलग विभागों की परीक्षाओं में बैठने की जरूरत नहीं होगी। एक परीक्षा देने से योग्य अभ्यर्थी को मेरिट और वेटिंग लिस्ट में जगह मिलेगी। - चॉइस फिलिंग जरूरी:
आवेदन करते समय ही उम्मीदवारों को अपनी पसंद के पदों की प्राथमिकता देनी होगी। चयन उसी के अनुसार होगा। - रैंक और प्रेफरेंस के आधार पर नियुक्ति:
रिजल्ट उम्मीदवार की रैंक और चॉइस के आधार पर तैयार होगा। अगर कोई पद छोड़ता है, तो वेटिंग लिस्ट में शामिल अगले उम्मीदवार को मौका मिलेगा।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
प्रदेश में अलग-अलग विभागों के लिए भिन्न-भिन्न भर्ती नियम हैं, जिससे प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली हो जाती है। अगले ढाई साल में सरकार करीब ढाई लाख पदों पर भर्ती की योजना बना रही है। समयबद्ध चयन सुनिश्चित करने के लिए यह प्रणाली अपनाई जा रही है।
किसे मिलेगा लाभ?
इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा उन उम्मीदवारों को होगा जो एक जैसी परीक्षाओं में बार-बार शामिल होते हैं। न तो उन्हें हर बार अलग से फीस देनी पड़ेगी और न ही अलग-अलग परीक्षा की तैयारी करनी होगी। इससे सीटें भी खाली नहीं रहेंगी और योग्य उम्मीदवारों को शीघ्र अवसर मिल सकेगा।
चौथी श्रेणी और ड्राइवर पदों की भी संयुक्त व्यवस्था
ड्राइवर और चौथी श्रेणी के पदों की सीधी भर्ती के लिए भी अब समान नियम बनाए जाएंगे। जहां आवश्यकता होगी, वहां विभाग वित्त विभाग से अनुमति लेकर सीधी भर्ती कर सकेंगे।
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