Negligence: सरकारी अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामलों में बढ़ोतरी और चिकित्सा सेवाओं में लापरवाही की शिकायतें बेहद गंभीर मुद्दा है। इन घटनाओं से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जिम्मेदारी पर सवाल उठते हैं। यहाँ इस स्थिति का सारांश और संभावित समाधान दिए गए हैं:
मुख्य बिंदु:
- लगातार हो रही शिशु मौतें:
- 7 दिनों में 2 नवजात शिशुओं की मौत।
- बीते 9 महीनों में 104 शिशु मौत के मामले दर्ज।
- एक ही डॉक्टर के इलाज के दौरान दो घटनाएं होने से सवाल और गहरे हो गए हैं।
- परिजनों के आरोप:
- डॉक्टर का कथित असंवेदनशील बयान: “जिए या मरे, हमें नहीं पता।”
- सरकारी अस्पताल में सीजर के लिए पैसे मांगने और मरीज को भगा देने की शिकायत।
- जांच की प्रगति:
- एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) ने सिविल सर्जन से जवाब तलब किया।
- प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जांच और परिजनों के बयान लिए गए।
- तहसीलदार द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी गई।
समस्याएं:
- स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता:
- चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप।
- ऑपरेशन के दौरान उपकरण और स्टाफ की कमी।
- अस्पताल में भ्रष्टाचार:
- पैसे की मांग जैसे गंभीर आरोप सरकारी अस्पताल की छवि को धूमिल करते हैं।
- सुविधाओं की कमी:
- मरीजों के लिए समय पर जरूरी इलाज का अभाव।
- स्वास्थ्यकर्मियों का असंवेदनशील व्यवहार।
संभावित समाधान:
- स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार:
- डॉक्टरों और स्टाफ को बेहतर प्रशिक्षण और संवेदनशीलता पर ध्यान दिया जाए।
- अस्पताल में आधुनिक उपकरण और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख:
- पैसे मांगने वाले स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटरिंग बढ़ाई जाए।
- जांच और जवाबदेही:
- एनएचएम द्वारा गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
- हर शिशु मौत का पोस्टमॉर्टम और घटना की विस्तृत जांच अनिवार्य हो।
- सामुदायिक जागरूकता:
- मरीजों और उनके परिवारों को उनके अधिकारों और सेवाओं के बारे में शिक्षित किया जाए।
- शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।
- स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाना:
- अस्पतालों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती हो।
सरकारी अस्पताल में शिशु मौत जैसे मामलों का बार-बार होना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है बल्कि गरीब तबके के लोगों के प्रति असंवेदनशील रवैया भी उजागर करता है। इन समस्याओं को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाना अनिवार्य है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
source internet… साभार….
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