जल जीवन मिशन योजना भी नहीं पहुंचा पा रही पानी
महिलाओं ने पानी को लेकर किया प्रदर्शन
Display: आमला/ पंकज अग्रवाल। जल जीवन मिशन द्वारा हर घर में नल से जल पहुंचाने के भले ही तमाम दावे किए जा रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी बहुत से ग्रामीणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना फलीभूत नहीं हो पा रही है। पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से कोई भी गांव में लडक़ी देने को तैयार नहीं है जिससे यहां के लडक़ों को हल्दी तक नहीं लग पा रही है।
महिलाओं ने किया प्रदर्शन
एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सारी दुनिया में महिलाओं का सम्मान किया जा रहा था। वहीं महिला दिवस पर आमला विकासखंड की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को पानी को लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय पर प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा। मोरखा ग्राम की महिलाओं ने महिला दिवस पर पानी की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान बताया कि ग्राम में पानी की बहुत ज्यादा समस्या है। दो किमी से 5 किमी तक पानी लाने हैंडपंप पर जाना पड़ता है। गर्मी लगने के कारण हैंडपंप में भी पानी नहीं आ रहा है। तीन साल बाद भी ग्राम में नल जल योजना शुरू नहीं हो सकी है।
बंद हो गए हैंडपंप

हमारी बात पीएम तक पहुंचा दो मोरखा की भानुमति साहू ने बताया कि ग्राम में पानी की समस्या है। स्वीकृति के बाद भी नल जल योजना शुरू नहीं हुई । हैंडपंप से पानी भरते है। लेकिन अब हैंडपंप में भी पानी नहीं आ रहा है। हमारी बात प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचा दो। कुछ हैंडपंप में गंदा पानी आता है। हम कब तक हैंडपंप से पानी भरेंगे। हमारे घरों तक भी नल से पानी आना चाहिए।छोटे छोटे गांवों में भी नल से घर तक पानी आ रहा है।
पानी नहीं होने से लड़के कुंआरे
प्रदर्शन के दौरान पानी की समस्या बताते हुए निर्मला सूर्यवंशी, शशि साहु, प्रियंका सूर्यवंशी,कांति मोहबे ,आरती साहू ने बताया कि ग्राम में पानी की समस्या के कारण लडक़े कुंआरे है। चालीस पचास की उम्र होने पर भी उनकी शादी नहीं हो रही। लडक़ी वाले साफ शब्दों में कहते है जिस गांव में पानी नहीं वहां लडक़ी क्या देना?।
ग्राम के आधे हैंडपंप सूखे
सरपंच रेखा बिहारे ने बताया कि ग्राम में पानी की समस्या है। गहरी बोरिंग करने पर भी पानी नहीं लगता है। करीब 5 हजार की आबादी वाले गांव में करीब 25 हैंडपंप सूखे है। बेल नदी सूखने से ग्राम पंचायत निस्तार का पानी नहीं दे पा रही है। हरगिर बाबा डेम से पानी देने की व्यवस्था कर रहे है। पीएचई ने रिवाइज के भेजी योजना स्वीकृति के करीब तीन साल बाद भी लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग योजना शुरू नहीं करवा सका। ग्राम में पेय जल पाइप लाइन पड़ी हुई है। लागत बढऩे से अब विभाग ने योजना को रिवाइज के लिए भेजा है। टेंडर होने पर ही योजना पर काम शुरू हो पाएगा।
ग्राम में जल संरक्षण की जरूरत
जनपद उपाध्यक्ष किशनसिंह रघुवंशी ने बताया कि ग्राम में पानी की वाकई समस्या है। खेतों में लोग कुओं और नहर के माध्यम से सिंचाई करते है। 1000 हजार फिट पर भी बोरिंग में पानी नहीं लगता है।पूर्व सचिव नेमीनाथ यदुवंशी ने भी पानी की समस्या को माना है।इस तरह की स्थिति में ग्राम में जल संरक्षण के कार्यों से जल स्तर बढ़ाया जा सकता है।
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