Wednesday , 24 July 2024
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Kheti Kisani – परम्परागत खेती छोड़ किसान इस सब्जी की खेती कर हो रहे हैं मालामाल 

Kheti Kisani - Farmers are becoming rich by leaving traditional farming and cultivating this vegetable.

30 दिनों में पक कर हो जाती है फसल तैयार 

Kheti Kisaniपरंपरागत खेती को छोड़कर, आजकल किसान सब्जियों की फसल तैयार करने में व्यस्त हैं। इस समय किसान अब सीजनल सब्जियों की खेती की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं। तोरई भी इसी श्रेणी की फसलों में शामिल है। किसान इसे उत्तम कमाई का एक स्रोत मानते हैं। तोरई सामान्यत: नकदी फसल के रूप में जानी जाती है। इस फसल का उत्पादन आमतौर पर दो महीने में हो जाता है, कृषि वैज्ञानिकों ने उन्नत किस्मों का उत्पादन किया है जो उत्तम उपज की सुनिश्चित करती हैं। इससे पैदावार में वृद्धि होती है।

सामान्यत: तोरई बाजार में उच्च मूल्य पर बिकती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है। इसके अलावा, यहां पर तैयार नर्सरी में रोगों का कम प्रकोप होता है, जिससे उत्पादन में कम लागत आती है। वर्तमान में, मिर्च, टमाटर, बैगन, तोरई, और लौकी के साथ-साथ नर्सरी भी तैयार की गई है, जिसकी शुरुआती कीमत प्रति पौधा से की गई है। Also Read – Reetha ki Kheti: किसान कमा सकते है लाखों रुपये रीठा  की खेती करके , जाने इस खेती से जुड़ी डिटेल्स

खेती के लिए उपयुक्त जलवायु तापमान | Kheti Kisani

आजके मौसम में, तोरई की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु अत्यंत उपयुक्त होती है। इसकी खेती के लिए 25 से 37 डिग्री सेल्सियस तापमान उचित माना जाता है। इसकी फसल के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। तोरई में कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, और विटामिन-ए के गुणों से भरपूर होती है, जिससे यह एक लाभकारी नकदी फसल बनती है। यह छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों के बाजारों में भी बिकती है।

किस तरह होती है खेती | Kheti Kisani 

तोरई की खेती के लिए, उम्मीदवार खेत में जैविक खाद डालकर जूताई करें, फिर खेत को समतल करें और 2.5 x 2 मीटर की दूरी पर 30 सेमी x 30 सेमी x 30 सेमी के आकार के गड्ढे खोदें। इसके बाद, तोरई के पौधे को रोपना चाहिए। समय पर सिंचाई और गुड़ाई की जानी चाहिए। जब पौधे बड़े हो जाएं, तो तोरई की उन्नत किस्मों के पौधों को काटने के लिए एक माह का समय लगता है। तोरई की कच्ची अवस्था में कटाई की जाती है, और शुरुआती दौर में 60 से 80 रुपए प्रति किलो के दाम मिलते हैं, जो सब्जियों में उपयोग किए जाते हैं। एक बीघा तोरई के खेत में साठ से सत्तर हजार रुपए की आसानी से कमाई हो सकती हैAlso Read – Supari ki kheti : करे सुपारी की खेती, होंगी अच्छी कमाई , जाने खेती से जुड़ी जानकारी

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